Uttarakhand Weather: मौसम विभाग की मानें तो 30 सितंबर तक उत्तराखंड में तेज वर्षा की संभावना नहीं है। हालांकि इस दौरान कहीं कहीं पर हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है। मौसम में बदलाव की वजह से तापमान में एक से दो डिग्री की तेजी आ सकती है।

उत्तराखंड में इस बार मानसून का आगमन नौ दिन देरी से 29 जून को हुआ था। सामान्य तौर पर उत्तराखंड में 20 जून को मानसून पहुंचता है। अब तक राज्य में 1154.7 मिमी के सापेक्ष 1129 मिमी वर्षा हुई है। सामान्य से यह दो प्रतिशत कम है। बागेश्वर सर्वाधिक व पौड़ी सबसे कम वर्षा वाला जिला रहा। बागेश्वर में सामान्य से 188 प्रतिशत अधिक व पौड़ी में 46 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। कुमाऊं मंडल के चम्पावत व नैनीताल जिलों में इस बार सामान्य से कम वर्षा हुई है।

उत्तराखंड से मानसून की विदाई का समय 30 सितंबर है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस बार मानसून की विदाई में कुछ दिनों की देरी हो सकती है। पिछले वर्ष आठ अक्टूबर को उत्तराखंड से मानसून की विदाई की घोषणा हुई थी। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि इस बार भी मानसून के तय तिथि से कुछ आगे बढऩे की संभावना है।

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