उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है और ज्यादातर क्षेत्रों में बीते एक पखवाड़े से वर्षा नहीं हुई है। ऐसे में नवंबर में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। शुष्क मौसम के बीच चटख धूप खिलने के कारण नवंबर में दिन के समय प्रदेश में सामान्य से कम ठंड पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

अगले कुछ दिन और प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहने के आसार हैं। कहीं-कहीं पहाड़ों में पाला और मैदानी क्षेत्रों में कुहासा छा सकता है। प्रदेश में चटख धूप के कारण दोपहर में हल्की गर्मी महसूस की जा रही है। शीतकाल में भी सर्दी अभी अपने रंग में नहीं आई है। हालांकि, सुबह-शाम ठंड महसूस की जा रही है, लेकिन वह भी सामान्य है।

प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है। ऐसे में हल्की गर्मी महसूस की जा रही है और धूप चुभ रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में जरूर सुबह-शाम कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बना रह सकता है। ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिलने के आसार हैं। नवंबर में ज्यादातर शहरों का अधिकतम तापमान में सामान्य से अधिक बना रहने का अनुमान है। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास ही रह सकता है। दिसंबर की शुरुआत से पारे में तेजी से गिरावट दर्ज की जा सकती है।

उत्तराखंड में मानसून सीजन के अलावा भी अन्य माह में थोड़ी-बहुत वर्षा दर्ज की जाती है। हालांकि, पूरे वर्ष में नवंबर सबसे सूखा रहने वाला माह है। इस माह प्रदेशभर में न के बराबर वर्षा होती है। दून में नवंबर में औसत वर्षा पांच मिमी होती है, जबकि इस बार अभी तक दो मिमी वर्षा भी दर्ज की नहीं की गई। ऐसे में दिन में ठंड भी कम महसूस हो रही है।

मौसम विज्ञानियों की मानें तो सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के बाद पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर मध्यम से भारी हिमपात होने पर ही मैदानी इलाकों में ठंड असर दिखाएगी। फिलहाल अगले सप्ताह मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की संभावना नहीं है। सामान्य सर्दी के लिए नवंबर अंत का इंतजार करना पड़ सकता है।कुमाऊं के मैदानी इलाकों में नवंबर का न्यूनतम तापमान चार से छह डिग्री पहुंचने लगता है। हालांकि 20 नवंबर के बाद पारे में तेजी से कमी आती है।

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