उत्तराखंड के शिक्षा विभाग से बड़ी खबर आ रही है। विभाग ने इस सत्र में 42 सौ से अधिक शिक्षक स्थानांतरित किए हैं। बताया जा रहा है कि विभाग ने फिर 22 प्रधानाचार्यों के स्थानांतरण की सूची जारी की है। वहीं स्थानांतरित शिक्षकों में 2247 माध्यमिक शिक्षकों के अलावा दो हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। जिससे कुछ शिक्षक संतुष्ट है तो कुछ नराज है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रदेश में इस बार 2247 माध्यमिक शिक्षकों के अलावा दो हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के तबादले हुए है। तबादलों की लिस्ट विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। जिसमें कुमाऊं मंडल से एलटी के 750 और गढ़वाल मंडल से 779 एलटी शिक्षकों के तबादलें हुए है। वहीं प्रदेश संवर्ग से 718 प्रवक्ताओं का तबादला भी विभिन्न श्रेणियों में किया गया। लेकिन इन तबादलों से ज्यादातर शिक्षक संतुष्ट दिखे, लेकिन दुर्गम से दुर्गम, गंभीर रोग ग्रस्त श्रेणी में हुए तबादले पर कई शिक्षकों ने नाराजगी है।

आरोप है कि शिक्षकों के तबादले में अन्य श्रेणियों में तो लगभग नियमों का पालन किया गया, लेकिन गंभीर बीमार से ग्रस्त श्रेणी में चुन-चुनकर स्थानांतरण किए गए। बताया जा रहा है कि राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि एक महिला शिक्षक की एक ही किडनी है, लेकिन उसका तबादला कर दिया गया, जबकि स्वास्थ्य दिखने वाले और ऊंची पहुंच रखने वाले दून में स्थित शिक्षक का तबादला नहीं हुआ। हालांकि, शिक्षकों ने गंभीर बीमार श्रेणी में तबादला रोकने का अनुरोध किया था। इस पर शिक्षक नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट भी डाली है।

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