दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ नाम से मंदिर पर विवाद के बाद अब तेलंगाना में भी केदारनाथ धाम मंदिर बनाने का मामला सामने आया है, जिसका उत्तराखंड चारधाम महापंचायत ने विरोध किया है। साथ ही बीकेटीसी (बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समीति) ने इस मामले पर तेलंगाना राजभवन को पत्र लिखा है।

दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में पंच केदारों के प्रतिकृति के मंदिरों का निर्माण की खबरों का उत्तराखंड चारधाम तीर्थ-पुरोहित महापंचायत ने कड़ा विरोध किया है। महापंचायत ने स्पष्ट किया है यदि उत्तराखंड के चारधामों के नाम का दुरुपयोग किया गया तो तीर्थ पुरोहित आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। पंचायत के प्रतिनिधियों ने सोमवार को इस संबंध में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की और राज्य सरकार से इस मामले का संज्ञान लेने की मांग की। चारधाम महापंचायत के महासचिव बृजेश सती ने बताया कि तेलंगाना राज्य में दक्षिणेश्वर केदारनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा पंच केदार नाम से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। निमंत्रण पत्र में केदारनाथ मंदिर की फोटो भी लगी है। यही नहीं, 22 जनवरी को भूमि पूजन किया जा रहा है। तेलंगाना के राज्यपाल भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इसकी जानकारी मिलते ही उत्तराखंड चारधाम तीर्थ-पुरोहित महापंचायत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

महासचिव बृजेश सती ने बताया कि उत्तराखंड से बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ ने भी इस संबंध में तेलंगाना राजभवन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपना विरोध दर्ज किया है।

बीकेटीसी ने जारी किया नोटिस

उधर, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने संबंधित समितियों को कानूनी नोटिस जारी किया है। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव को भी अवगत कराया है। नोटिस में दो हफ्ते में संबंधित ट्रस्टों को अपना पक्ष रखने को कहा गया है. ऐसा न करने पर वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

बता दें कि, 18 जुलाई 2024 में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट की ओर से केदारनाथ मंदिर बनाए जाने को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। जिसके बाद 18 जुलाई की हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया था कि उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम मंदिरों सहित सभी प्रसिद्ध मंदिरों के नाम से कोई समिति या ट्रस्ट गठित करने पर कठोर विधिक प्राविधान किए जाएंगे। सीएम धामी ने इसको लेकर सभी राज्यों को पत्र लिखने की बात कही गई थी।

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