भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए किसी भी तरह के खास विशेष पूजन की आवश्‍यकता नहीं होती। क्‍योंकि कहा जाता है कि वह तो भोले हैं और भक्‍त की क्षणिक मात्र की भक्ति से ही वह प्रसन्‍न हो जाते हैं।

आज सावन का पहला सोमवार है। आज बन रहे शुभ संयोग में की गई शिव पूजा का पूरा फल मिलेगा। भगवान शिव ने ब्रह्माजी के पुत्र सनत्कुमार को सोमवार का महत्व बताया है।

भगवान शिव का ही स्वरूप है सोमवार

सनत्कुमार के पू़छने पर भगवान शिव ने बताया कि सोमवार मेरा ही स्वरूप है। इसलिए इसे सोम कहा गया है। सोमवार सभी श्रेष्ठ व्रतों में एक है। इस दिन व्रत करने से हर तरह का सुख मिलता है। शिवजी कहते हैं 12 महीनों में सोमवार श्रेष्ठ है। अगर किसी भी महीने में सोमवार का व्रत नहीं कर पाए तो सावन सोमवार को व्रत जरूर करना चाहिए। इससे सालभर के सभी सोमवार के व्रत का फल मिल जाता है।

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