देहरादून। क्या पूर्व सीएम हरीश रावत अब चुनावी राजनीति को अलविदा कहने जा रहे हैं?  रावत ने दृढ़ता के साथ इसके संकेत दिए। बकौल रावत, अब बहुत चुनाव लड़ लिए। 55 साल से मैं ही तो हूं। अब मेरे बाकी साथियों की बांहे भी फड़फड़ा  रहीं है। रावत ने कहा कि मैं बहुत चुनाव लड़ लिया। रावत के इस कदम को विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की करारी हार से जोड़ा जा रहा है।

मेरे चुनाव लड़ते ही बहुत सारे छिपे, दबे-दुबके पशु-पक्षी-कीट-जीव सब बाहर निकल आते हैं। और मुझे भभोड़ने लगते हैं। क्या हरीश रावत ने हथियार डाल दिए हैं? इस सवाल के जवाब में थोड़ा ठिठके रावत बोले कि वैसे तो यह मेरे स्वभाव के विपरीत है। लेकिन सत्य तो सत्य ही है।

रावत चुनाव में हार के कारण भी गिनाए। कहा कि, अपनी लोकप्रियता को वोट में तब्दील नहीं कर पाया। लेकिन भाजपा अपनी पार्टी की लोकप्रियता को अच्छे से भुना ले गई। रावत ने कहा कि वर्तमान चुनाव नतीजो जो रहा वो रहा, लेकिन आगामी वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अच्छा रहने वाला है। हरिद्वार, नैनीताल और अल्मोड़ा लोस सीट पर कांग्रेस कड़ी टक्कर देगी।

-धामी की तारीफ़ की
रावत ने कहा कि भाजपा ने तमाम सीनियर लोगों के बीच धामी सीएम बनाने का साहसिक निर्णय लिया था। चुनाव हारने के बाद उन्हें दोबारा सीएम बनाकर उस फैसले को दोहराया है। ये पांच साल उत्तराखंड के आगामी 75 साल को तय करने वाले होंगे। धामी से उम्मीद है कि वो अच्छा काम करेंगे।

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