हरिद्वार। भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तराखण्ड सतर्कता अधिष्ठान की बड़ी कार्रवाई में एक सरकारी लिपिक को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। सहायक चकबन्दी अधिकारी कार्यालय, मंगलौर जनपद हरिद्वार में नियुक्त लिपिक विनोद कुमार को शुक्रवार, 4 जुलाई को सतर्कता टीम ने 2,100 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा।

शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान, सैक्टर देहरादून को लिखित शिकायत दी थी कि उसके भाई ने अपनी बुआ से एक प्लॉट खरीदा है, जिसके दाखिला-खारिज के एवज में लिपिक विनोद कुमार रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायतकर्ता रिश्वत देने के पक्ष में नहीं था और भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई चाहता था।

शिकायत की पुष्टि के बाद सतर्कता अधिष्ठान की ट्रैप टीम ने योजना बनाकर शुक्रवार को लिपिक विनोद कुमार को सहायक चकबन्दी अधिकारी कार्यालय कुरुड़ी मंगलौर से रिश्वत लेते समय धर दबोचा। टीम ने मौके पर ही उसे गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त के आवास एवं अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर चल-अचल संपत्तियों की जांच की जा रही है।

इस साहसिक कार्रवाई के लिए सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेसन ने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

सतर्कता अधिष्ठान ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी/कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कार्य के बदले रिश्वत मांगता है, या फिर आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रहा है, तो तत्काल टोल फ्री हेल्पलाइन 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर जानकारी साझा करें। सतर्कता अधिष्ठान भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में आम जन की भागीदारी को अहम मानता है और शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है।

 

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