उत्तराखंड के चमोली कस्बे में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट में हुए दर्दनाक हादसे ने कई लोगों के परिवार की खुशियां छीन ली। करंट फैलने से हुए इस हादसे में जिन 16 व्यक्तियों की जान गई, उनमें से नौ अकेले हरमनी गांव के हैं। हादसे के बाद से हरमनी गांव में मातम पसरा हुआ है। एक ही परिवार से तीन अर्थियां एक साथ उठी है। दो बेटे और पति की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।  वहीं गांव के तीन व्यक्ति घायल भी हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार नमामि गंगे के प्रोजेक्ट में हुए हादसे में जहां 16 लोगों की मौत हुई तो वहीं इस हादसे की चपेट में एसटीपी के चौकीदार गणेश लाल भी आए। इस हादसे ने उनके परिवार के तीन लोगों की जिंदगियां लील ली। बताया जा रहा है कि गणेश की करंट की चपेट में आने से रात को ही मौत हो गई थी और सूचना मिलने पर सुबह जब पिता महेंद्र लाल व बड़ा भाई सुरेश उर्फ दीपू कुमार मौके पर पहुंचे तो उनकी भी करंट की चपेट आकर जान चली गई। दो बेटे और पति की मौत से मां व छोटा भाई बेसुध हैं। रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे ने उनका सब कुछ छीन लिया है।

बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नमामि गंगे के प्रोजेक्ट में हुए हादसे में मारे गए 16 लोगों के परिजनों और घायलों से मिलने के लिए गोपेश्वर पहुंचे। इसी बीच उन्होंने कहा कि घायलों के चेहरे पर अब भी भय की छाया दिखाई दे रही है। उनको विश्वास नहीं हो रहा है कि जहां उनके साथ खड़े 16 लोग बिजली के करंट लगने से कालकल्वित हो गए, उसमें वो कैसे बच गए।

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