Uttarakhand News:  सरकार की नई व्यवस्था के अनुसार अब गन्ना समितियों द्वारा किसानों को फोन में एसएमएस के जरिए पर्ची भेजने का निर्णय लिया गया है। जिसका किसानों और गन्ना विकास समिति डोईवाला द्वारा पुरजोर विरोध किया गया है। किसानों का कहना है कि कई किसानों के पास फोन नहीं हैं। और कई ऐसे भी किसान हैं जिनकों फोन में एसएमएस देखना तक नहीं आता है।

ऐसे में अनपढ़ किसानों को फोन में पर्ची भेजने का कोई मतलब नहीं है। यदि अनपढ़ किसान को उसकी गन्ना पर्ची का पता नहीं चला तो वो किसान मिल को गन्ना सप्लाई नहीं कर पाएगा। और उसका गन्ना खेत में ही खड़ा रह जाएगा। सरकार की मंशा है कि गन्ना समिति द्वारा पर्चियों को कंप्यूटरीकृत कर डिजीटल रूप में गन्ना पर्ची भेजी जाए। लेकिन किसान इसका विरोध कर रहे हैं।

सहकारी गन्ना विकास समिति डोईवाला के अध्यक्ष मनोज नौटियाल ने गन्ना मंत्री एवं चीनी उद्योग को डोईवाला एसडीएम द्वारा भेजे गए ज्ञापन में कहा कि गन्ना विकास समिति लिमिटेड डोईवाला के कार्यालय में सैकड़ों कृषकों द्वारा पेराई सत्र 2022-23 में जारी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में लगाई गई पर्चियों को सही व्यवस्था न होने और अन्य समस्याओं के विरोध में धरना दिया गया है।

और किसानों द्वारा मांग की गई है कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया जाता तो गन्ना समिति से जुड़े हुए समस्त किसान गन्ना आयुक्त कार्यालय में तालाबंदी करने को विवश होंगे। कहा कि एसएमएस के द्वारा जारी गन्ना पर्चियों के तौल का समय 72 घंटे के स्थान पर कम से कम 120 घंटे किया जाना चाहिए। प्रतिदिन कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में लगाई गई पर्चियों 9-9 कुंटल के टोकन की व्यवस्था को समाप्त कर विगत वर्षों में जारी पर्चियों की व्यवस्था ही लागू की जानी चाहिए।

जिनका कृषकों का बेसिक कोटा 150 कुंतल से कम है। ऐसे छोटे किसानों की पर्चियों को एक से तीन पखवाड़े में ही रखा जाना चाहिए। ज्ञापन देने वाले में गौरव सिंह चौधरी, अब्दुल रज्जाक, जसवंत सिंह, बंटी, परमजीत सिंह पम्मा, उमेद बोरा, सुरेंद्र सिंह खालसा, तेजेंद्र सिंह, सरदार गुरदीप सिंह, सुरेंद्र सिंह राणा, जीत सिंह, दरपान बोरा, अरविंद पाल, बलवीर सिंह आदि शामिल रहे।

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