कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी को  कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि ये सजा सूरत की कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में सुनाई है। जिसके बाद से देश की  सियासत गर्मा गई है।  अदालत के इस फैसले को कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी की साजिश करार दिया  है। देशभर में कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। तो कार्यकर्ता सड़क पर आकर प्रदर्शन कर रहे है। इसी कड़ी में उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा निकाल अपनी गिरफ्तारी दी है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार ये मामला 2019 का है जब वायनाड से लोक सभा सदस्य राहुल गांधी ने आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी के सरनेम को लेकर टिप्प्णी की थी। जिसके बाद उन पर मानहानि कर मामला दर्ज हुआ था। राहुल ने कथित तौर पर कहा था कि, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’ राहुल की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर कराई थी। इस मामले में  राहुल गांधी के खिलाफ IPC की धारा 499, 500 के तहत अपराध दर्ज किया गया था।

बताया जा रहा है कि इस मामले में राहुल गांधी आज तीसरी बार कोर्ट में पेश हुए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दे दिया है। अदालत के इस फैसले को कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी की साजिश करार दिया। कार्यकर्ताओं ने इस मसले को उठाया। उन्होंने कहा कि एक ऐसा परिवार के खिलाफ साजिश रची गई, जिसने देश में लोकतंत्र की बुनियाद रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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