Ayurveda University: शासन की अनुमति के बगैर बार-बार विवि ने विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले थे। विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं की भर्ती कर ली गई।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुए घोटाले के आरोपी कुलपति डॉ. सुनील जोशी समेत तीन अधिकारियों को विजिलेंस पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेगी। इन तीनों के खिलाफ विजिलेंस ने देहरादून सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया है। घोटाला करोड़ों रुपये का बताया जा रहा है। इसमें निर्माण में अनियमितताएं बरतने, गलत तरीके से भर्तियां करने समेत कई आरोप हैं। स्थापना के समय से ही आयुर्वेद विवि में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे।

शुरुआत में एक विशेष समिति ने जांच की। पिछले साल विजिलेंस जांच की अनुमति दी गई। विजिलेंस ने वर्ष 2017 से 2022 तक विवि में हुई हर गतिविधि की जांच शुरू की।विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द करने की भी बात सामने आई
इसमें वित्तीय अनिमितता, योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने के साथ माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन नहीं करने सहित कई आरोप थे।

बायोमेडिकल संकाय और संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर, पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द करने की भी बात सामने आई थी।पिछले दिनों इस मामले में विजिलेंस को शासन ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी।

लिखित अनुमति आने के बाद विजिलेंस ने कुलपति डॉ. सुनील जोशी, पूर्व कुलसचिव डॉ. राजेश अडाना और वित्त नियंत्रक अमित जैन को नामजद करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इन पर आरोप हैं कि विवि में पद नहीं होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को पदोन्नति और एसीपी का भुगतान किया गया। शासन की अनुमति के बगैर बार-बार विवि ने विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले थे। विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं की भर्ती कर ली गई। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि आरोपियों को जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

UPDATE NEWS