आगामी विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने का ही वक्त बचा है। ऐसे में भाजपा संगठन दमखम से तैयारियों में जुटी हुई है ताकि आगामी चुनाव को फतह कर सके। इसी क्रम में भाजपा संगठन लगातार बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को ना सिर्फ दिशा निर्देश दे रही है बल्कि उन्हें पूरी तरह से सक्रिय करने की कवायद में जुटी हुई है। लिहाजा, आगामी चुनाव के मद्देनजर भाजपा नाराज चल रहे पूर्व दायित्वधारियों और पूर्व विधायकों को भी साधने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए देहरादून पहुंचे चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी की अध्यक्षता में पूर्व विधायकों और पूर्व दायित्वधारियों की बैठक बुलाई गई है।
हालांकि, इस बैठक में पूर्व विधायकों और पूर्व दायित्वधारियों के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश महामंत्री अजेय भी मौजूद है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार त्रिवेंद्र सरकार में जिन नेताओं को दायित्व सौंपा गया था उनसे दायित्व वापस लेने के बाद से ही वह तमाम नेता नाराज चल रहे थे ऐसे में मुख्य रूप से इन सभी नाराज चल रहे पूर्व विधायकों और दायित्वधारियों को मनाना है। ताकि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को इस नाराजगी से नुकसान न उठाना पड़े।
दरअसल, साल 2017 में सत्ता पर काबिज हुई भाजपा सरकार ने करीब 2 साल तक सरकार चलाने के बाद पूर्व विधायकों और नेताओं को दायित्व सौंपने की कवायद शुरू की। हालांकि शुरुआती दौर में कुछ नेताओं को ही दायित्व सौंपा गया। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार तक करीब 119 नेताओं को दायित्व से नवाजा गया। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पद से हटने के बाद ही राज्य की कमान तीरथ सिंह रावत के हाथों में सौंप दी। करीब 3 महीने तक सत्ता पर काबिज रहे तीरथ सिंह रावत ने किसी भी नेता को दायित्व नहीं सौंपा। यही नहीं तीरथ सिंह रावत के हटने के बाद राज की कमान पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया।
हालांकि, पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए करीब 4 महीने का समय हो गया है लेकिन अभी तक किसी को दायित्व नहीं सौंपा गया है। जिसके चलते पूर्व विधायक और पूर्व दायित्वधारी नाराज चल रहे हैं। मुख्य रूप से देखें तो सरकार के सत्ता में काबिज होने के बाद लंबे समय से संगठन के साथ जुड़े नेताओं को यह उम्मीद होती है कि उन्हें भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। हालांकि, जिम्मेदारी तो दी गई लेकिन कुछ समय के लिए। ऐसे में तमाम पूर्व विधायक और पूर्व दायित्वधारी इस फैसले से नाराज हो गए।