मुख्यमंत्री ने एसिस्टेंट प्रोफेसर को वितरित किए नियुक्ति पत्र, सीएम ने कहा 16 हजार लोगों को सरकारी नौकरियां दी

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उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से उच्च शिक्षा विभाग में चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसर को सीएम धामी ने नियुक्ति पत्र सौंपे। ये सभी असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय के लिए चयनित किए गए हैं। कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने प्रदेश के मेधावी छात्रों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क इंस्टीट्यूट में 50 हजार रुपये की धनराशि दिए जाने के लिए पोर्टल का शुभांरभ भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने इन सभी असिस्टेंट प्रोफेसरों को बधाई देते हुए कहा कि बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने में शिक्षकों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में ये सभी शिक्षक अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन से बच्चों के भविष्य को संवारने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर अपने कार्य स्थल पर नवाचार का प्रयोग करेंगे। समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलायेंगे, शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग और रोजगारपरक शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। पिछले तीन सालों में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्त्राखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पिछले तीन सालों में लिए गये अनेक फैसलों को मॉडल के रूप में पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा मानवीय संसाधनों को तराशने का आधार है। युवा कर्णधारों को सही दिशा देने में उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षार्थियों को अच्छी शिक्षा के साथ समाज और देश के प्रति जिम्मेदार बनाने में भी शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उद्यमिता और स्टार्टप के प्रति भी प्रोत्साहित किया जाए। राज्य सरकार द्वारा उद्यमिता और स्टार्टप को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस तरह तैयार करना है कि वे सिर्फ रोजगार पाने वाले ही न बनें, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए राज्य में देवभूमि उद्यमिता योजना भी शुरू की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू किया गया है। शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्वक और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, तकनीक के विस्तार के सभी क्षेत्रों में कार्य किये जा रहे हैं। 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। शोध को बढ़ावा देने के लिए शोद्यार्थियों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग एवं वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण तथा 05 हजार छात्रों के प्लेसमेंट का भी लक्ष्य रखा गया है।

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