उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रैकिंग रूट पर खराब मौसम के कारण ट्रैकिंग दल के साथ हुए हादसे की मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद मुख्य सचिव ने इस बाबत आदेश जारी किए हैं। गढ़वाल आयुक्त को मामले की व्स्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इस हादसे में 9 ट्रैकर्स ने जान गंवाई।
बता दें कि उत्तरकाशी औऱ टिहरी की सीमा पर स्थिति सहस्त्रताल के लिए 39 मई को 22 सदस्यों के एक दल ट्रैकिंग के लिए निकला था। 3 जून को यह दल सहस्त्रताल बेस कैंप पहुंचा था, लेकिन अचानक वहां मौसम खराब होने के कारण फंस गया। भारी बर्फबारी, घने कोहरे और अत्यधिक ठंड के कारण ट्रैकर्स रास्ता भटक गए थे। तीन दिन ट्रैकर्स की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ की मदद से 13 ट्रैकर्स को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया था जबकि हादसे में 9 ट्रैकर्स की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अत्यधिक ठंड यानी हाइपोथर्मिया की वजह से टैकर्स की जान गई है। ट्रैकर्स के शव बर्फ में लिपटे हुए मिले थे।
इस हादसे पर सीएम धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया था।
सहस्त्रताल ट्रैक से सुरक्षित रेस्क्यू किए गए लोग
जय प्रकाश वीएस उम्र- 61 वर्ष, निवासी गिरि नगर बेंगलुरु.
भरत वी, उम्र-53 वर्ष, निवासी हम्पी नगर बेंगलुरु.
अनिल भटा, उम्र-52, निवासी जोप नगर बेंगलुरु.
मधु किरन रेड्डी, उम्र-52, निवासी बेंगलुरु.
शीना लक्ष्मी, उम्र-48, निवासी केआर पुरम बेगलुरु.
शौम्या के, उम्र-31 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
शिवा ज्योति, उम्र-45, निवासी एचएसआर बेंगलुरु.
स्मूर्ति प्रकाश डोलास, उम्र-45, निवासी पुणे, महाराष्ट्र.
विनायक एमके, उम्र-47, निवासी प्रीस्टीज सिटी, बेंगलुरु.
श्रीरामल्लु सुधाकर, उम्र-64, निवासी एसआरके नगर बेंगलुरु.
विवेक श्रीधर, उम्र- 37 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु.
नवीन ए, 40 वर्ष, निवासी- बेंगलुरु व ऋतिका, 37 वर्ष, निवासी बेंगलुरु को पैदल सिल्ला गांव पहुंचाया गया था, ये दोनों भी उत्तरकाशी से निकल चुके हैं।
सहस्त्रताल ट्रैक पर मृतकों के नाम-
आशा सुधाकर उम्र- 71 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
सिन्धु, उम्र- 45 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
सुजाता उम्र- 51 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
विनायक, उम्र- 54 वर्ष, निवासी बेंगलुरु, साउथ कर्नाटक.
चित्रा परिणीथ, उम्र- 48 वर्ष, निवासी बेंगलुरु.
वेंकटेश, निवासी बेंगलुरु
पदनाध कुण्डपुर कृष्णामूर्ति, निवासी बेंगलुरु
अनीता रंगप्पा, निवासी बेंगलुरु
पद्मिनी हेगड़े, निवासी बेंगलुरु