उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जल्द ही जाम के झाम से निजात मिलने वाली है। बताया जा रहा है कि ट्रैफिक में वर्षों से सबसे बड़ी बाधा बने आढ़त बाजार को रेलवे स्टेशन रोड से शिफ्ट करने की कवायद शुरू हो गई है। रिपोर्टस की माने तो जल्द ही नया आढ़त बाजार पटेलनगर में बसाया जाएगा। नए स्थल पर आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के लिए करीब 145 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। तो वहीं अब एमडीडीए ने नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास के लिए टेंडर आमंत्रित कर दिए हैं। इसका ले आउट भी सामने आ गया है। आइए जानते है डिटेल्स…
24 मीटर तक चौड़ी होनी है सड़क
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वर्तमान में शहर का सबसे बड़ा बॉटल नेक आढ़त बाजार क्षेत्र में है। सड़क के इस चोक हिस्से को खोलने के लिए एक दशक से भी अधिक समय से कवायद चल रही है, मगर कोई भी योजना आज तक परवान नहीं चढ़ पाई। अब एमडीडीए आढत बाजार शिफ्ट करने की बड़ी योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इस योजना को धरातल पर उतारे के लिए आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के टेंडर जारी किया गया है। इस योजना के तहत आढ़त बाजार को नए स्थल पर शिफ्ट करने के साथ ही सहारनपुर चौक से लेकर तहसील चौक तक सड़क के 1.55 किलोमीटर भाग को 24 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। ताकि जाम की समस्या को दूर किया जा सके।
करीब 260 करोड़ रुपये की छूट
बताया जा रहा है कि पटेलनगर में करीब 100 बीघा जमीन पर नया आढ़त बाजार बनाएगा। इस पर सभी आढ़तियों से बात कर सहमति ले ली गई थी। तो वहीं नए आढ़त बाजार के विकास के लिए पटेलनगर कोतवाली के पीछे की चयनित 7.7 हेक्टेयर भूमि को आवास विभाग को राज्य कैबिनेट ने निःशुल्क आवास विभाग को हस्तांतरित कर दिया था। इसके साथ ही भू-उपयोग परिवर्तन में लगने वाले शुल्क समेत सड़क चौड़ीकरण के लिए लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री के स्टांप शुल्क को भी माफ किया जा चुका है। सरकार की ओर से दी गई यह छूट करीब 260 करोड़ रुपये की है।
ऐसे मिलेगा मुआवजा
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत नए आढ़त बाजार स्थल में 60, 120, 180 व 240 वर्गमीटर के प्लाट तैयार किए जाएंगे। इसी के मुताबिक मुआवजे की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कारोबारी का आढ़त बाजार में 120 वर्गमीटर की जगह थी और वह नए स्थल पर 60 वर्गमीटर की जगह चाह रहा है तो उसे शेष आकार के हिसाब से मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है। इसी तरह आकार में कमी व अधिकता के हिसाब से गणना की गई। शहर के अन्य क्षेत्रों के आढ़ती भी नए बाजार में स्थल आवंटित करा सकते हैं। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ प्लाट खरीद दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।