उत्तराखंड के देहरादून (Dehradun) में ईसी रोड पर स्थित काबुल हाउस में आज कस्टोडियन संपत्ति (शत्रु संपत्ति) पर बेदखली की कार्रवाई की गई। सरकार इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर चुकी है और इसके बाद करीब 40 सालों से यहां रह रहे परिवारों के साथ अदालती विवाद चल रहा था।
देहरादून डीएम कोर्ट ने दो हफ्ते पहले अपने आदेश में इसे 15 दिन के भीतर खाली कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि परिवारों ने इसका तीखा विरोध किया है। घरों में रखा सामान बाहर निकालकर दरवाजों पर सील लगा दी गई। पिछले करीब 70 सालों से वहां रहने वाले लोगों ने कार्रवाई का विरोध भी किया। वहां रहने वाले परिवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें मकान खाली करने के लिए सूचना देर से दी गई।
कहा जाता है कि अफगानिस्तान के शासक मोहम्मद याकूब खान का 19वीं और 20वीं में इस काबुल हाउस पर मालिकाना हक था। पॉश इलाके ईसी रोड पर स्थित काबुल हाउस में अफगानी शाही परिवार के लोग विभाजन के बाद देश छोड़कर चले गए थे और पाकिस्तान में जाकर बस गए थे। 19 बीघा में फैले इस इलाके में तब से कुछ परिवार रह रहे थे।
देहरादून की डीएम सोनिका मीना ने मामले की लंबी सुनवाई के बाद वहां रह रहे 17 परिवारों को परिसर खाली करने का आदेश दिया था। मीना ने आदेशमें कहा था कि दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया गया। यहां रह रहे लोगों ने सरकार को किराया देने या मालिकाना हक संबंधी कोई दस्तावेज अभी तक नहीं सौंपा है।