प्रदेश में निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव की गतिविधियां तेज होती दिक रही हैं। धामी सरकार ने जिला पंचायत की तरह अब विकास खंडों व ग्राम पंचायतों में प्रमुख व ग्राम प्रधान को ही प्रशासक बनाया है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख व ग्राम प्रधान के प्रशासक बनाने को लेकर पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।

यह आदेश हरिद्वार जिले की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था पर लागू नहीं होगा। गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायतों का नवंबर में कार्यकाल खत्म होने पर सरकार ने निवर्तमान 12 जिला पंचायतों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था। लेकिन ब्लाक व ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासक बना दिया। इसके बाद ग्राम प्रधानों और ब्लॉक प्रमुखों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और सौतेले व्यवहार पर नाराजगी जताई थी।
सरकार ने इस मुद्दे पर शासन की समिति बनाई। समिति की रिपोर्ट के बाद शासन ने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए 7476 निवर्तमान ग्राम प्रधान व हरिद्वार के छह विकास खंडों को छोड़कर शेष 89 ब्लाक में प्रमुखों को प्रशासक बनाने का आदेश जारी किया। इस फैसले के बाद ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधान संगठन ने सीएम का आभार जताया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्थानीय निकाय का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया था। स्थानीय निकायों में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया है।

निकाय चुनाव की सरगर्मियां तेज

उधर नगर निकाय चुनाव की सरगर्मियां भ तेज हो गई हैं। गुरुवार को शासन ने निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर नियमावली जारी की है। सम्बंधित जिलों के डीएम आरक्षण की अधिसूचना पर सुझाव व आपत्ति मांगेंगे। इस कवायद के पूरी होने के बाद जनवरी में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।

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